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Aasaare Qayamat-35

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*हिन्दी/hinglish*     *आसारे क़यामत-35*

                        *जन्नत-5*

*जन्नत में सबसे आखिर में जाने वाला* - बुखारी व तिर्मिज़ी में बयान कर्दा हदीस तफ़सील के साथ नहीं है मगर मुस्लिम शरीफ की रिवायत काफी तवील है इसलिये उसी को बयान करता हूं,हज़रत अब्दुल्लाह इब्न मसऊद رضي الله ﺗﻌﺎﻟﯽٰ عنه से मरवी है हुज़ूर ﷺ इरशाद फरमाते हैं कि सबसे आखिर में जन्नत में जाने वाला वो शख्स होगा जो सबसे आखिरी में जहन्नम से बाहर निकलेगा वो गिरता पड़ता आगे बढ़ेगा और जहन्नम की तरफ देखकर कहेगा कि बरकत वाली है वो ज़ात जिसने मुझे तुझसे आज़ाद किया,तभी उसको एक दरख़्त नज़र आएगा तो वो कहेगा कि ऐ मौला جلّ شانه मुझे उस दरख़्त के नीचे पहुंचा दे ताकि मैं उसका साया हासिल कर सकूं तो मौला جلّ شانه फरमाएगा कि अगर मैं तुझे उसके नीचे पहुंचा दूं तो क्या अजब नहीं कि तू कुछ और दरख्वास्त न करने लगे तो वो अहद करेगा और कहेगा कि इसके सिवा मेरी कोई और हाजत नहीं तब मौला جلّ شانه उसे वहां पहुंचा देगा,वो वहां आराम करेगा पानी पियेगा फिर एक दूसरे दरख़्त को देखेगा जो इससे भी ज़्यादा खूबसूरत होगा तो ये मौला جلّ شانه से फिर कहेगा कि मौला جلّ شانه मुझे उस दरख़्त के नीचे पहुंचा दे और मैं इसके सिवा तुझसे कुछ न मागूंगा तब मौला جلّ شانه फरमायेगा कि क्या तूने अहद न किया था और क्या अजब नहीं कि मैं तुझे वहां पहुंचा दूं तो फिर तू कोई अर्ज़ न करेगा तो वो शख्स फिर से अहद करेगा तो मौला جلّ شانه उसे वहां पहुंचा देगा वो वहां पहुंचकर आराम करेगा तब जन्नत के दरवाज़े के क़रीब एक दरख़्त देखेगा और कहेगा कि ऐ मौला جلّ شانه मुझे वहां पहुंचा दे ताकि मैं जन्नतियों की आवाज़ें सुन सकूं और मैं इसके सिवा तुझसे कुछ न मागूंगा तब मौला फरमायेगा कि तूने अहद किया था और क्या अजब नहीं कि मैं तुझे वहां पहुंचा दूं तो तू कुछ और न मांगेगा तब वो फिर से अहद करेगा तब मौला उसे जन्नत के सामने दरख़्त के नीचे कर देगा,फिर से वो शख्स कहेगा कि ऐ मौला جلّ شانه क्या ही अच्छा होता कि आप मुझे इसके अंदर पहुंचा देते तब मौला جلّ شانه फरमायेगा कि ऐ इब्ने आदम आखिर तेरा सवाल करना कभी ख़त्म न होगा क्या तू इससे राज़ी होगा कि मैं तुझे इसमें दुनिया के जैसी जगह दूं बल्कि उस जैसी और दूं तब वो कहेगा कि आप मुझसे मज़ाक़ फरमा रहे हैं जब कि आप रब्बुल आलमीन हैं इतना कहते हुए हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने मसऊद رضي الله ﺗﻌﺎﻟﯽٰ عنه हंसने लगे और फरमाया कि क्या तुम लोग मुझसे जानना नहीं चाहोगे कि मैं क्यों हंसा तो लोग अर्ज़ करेंगे की क्यों तो आप फरमाते हैं कि जब ये वाक़िया हुज़ूर ﷺ ने सुनाया था तो आप भी हंसने लगे थे जब आप ﷺ से लोगों ने पूछा था कि या रसूल अल्लाह ﷺ आप क्यों हंसे तो आप ﷺ फरमाते हैं कि मुझे रब جلّ شانه के हंसने पर हंसी आ गयी जब बन्दे ने ये कहा कि क्या आप मुझसे मज़ाक कर रहे हैं तो मौला جلّ شانه फरमाता है कि मैं मज़ाक नहीं करता बल्कि मैंने तुझे उतना ही दिया जितना कहा और मैं हर बात पर क़ुदरत रखता हूं

📕 मुस्लिम,जिल्द 1,सफह 195

*हदीस* - इसी तरह एक दूसरी रिवायत के मुताबिक़ हुज़ूर ﷺ फरमाते हैं कि मैं उस शख्स को जानता हूं जो सबसे आखिर में जहन्नम से बाहर निकलेगा जब मौला جلّ شانه फरिश्तो से कहेगा कि इसके छोटे गुनाह पेश करो तो फरिश्ते उसके गुनाह पेश करेंगे तो मौला جلّ شانه फरमायेगा कि क्या ये ठीक है तो वो इक़रार करेगा और दिल में डरता रहेगा कि मेरे बड़े बड़े गुनाह भी तो हैं पस मौला جلّ شانه उससे फरमायेगा कि तेरे लिए हर गुनाह के बदले एक नेकी है तब वो शख्स बोलेगा कि मौला جلّ شانه मेरे और भी गुनाह हैं जो मैं यहां नहीं देख रहा हूं मुझे उसके बदले भी नेकी मिलनी चाहिए,रावी बयान करते हैं कि मैंने देखा कि ये बात कहते हुए हुज़ूर ﷺ को हंसी आ गयी जिससे कि आपकी मुबारक दाढ़ ज़ाहिर हो गयी

📕 मुस्लिम,जिल्द 1,सफह 199

*कंज़ुल ईमान* - बेशक मुजरिम लोग (काफिर) ईमान वालो पर हंसा करते थे (दुनिया में)  तो आज  ईमान वाले काफिरो पर हँसते हैं.तख्तों पर बैठे देखते हैं

📕 पारा 30,सूरह मुतफ्फिफीन,आयत 29-35

*रिवायत* - तफ़्सीर दुर्रे मन्सूर में हज़रते क़तादह رضي الله ﺗﻌﺎﻟﯽٰ عنه की रिवायत है कि जन्नत में झरोखे यानि खिड़कियां होंगी जिनसे कि वो जहन्नमियों के हालात को देखा करेंगे और जिस तरह दुनिया में काफिर उनकी हंसी उड़ाते थे आज वो उन काफिरों पर हंसी उड़ायेंगे 

📕 अहवाले बरज़ख़,सफह 86

*रिवायत* - और जब सारे ही काफिरो मुनाफ़िक़ जहन्नम में और सारे ही ईमान वाले जन्नत में पहुंच जायेंगे और मौत को ज़बह कर दिया जायेगा तब मौला جلّ شانه फरमायेगा कि ऐ बन्दों क्या तुम मुझसे राज़ी हो तो बन्दे अर्ज़ करेंगे बेशक ऐ मौला جلّ شانه तूने हमें ऐसी ऐसी नेअमतें दी कि हमारे सिवा किसी मख्लूक़ को न दी तो क्यों हम तुझसे राज़ी न होंगे तो मौला جلّ شانه फरमायेगा कि क्या मैं तुम्हे इससे भी बढ़कर नेमत न दूं तो बन्दे कहेंगे कि इससे बढ़कर क्या होगा तो मौला جلّ شانه फरमायेगा मैं तुम सब पर अपनी रजामंदी नाज़िल करता हूं कि अब आईन्दा मैं कभी तुमसे नाराज़ ना होऊंगा

📕 अहवाले बरज़ख़,सफह 302

*ⓩ سبحان الله وبحمده سبحان الله العظيم एक ग़ुलाम के लिए इससे बढ़कर शायद ही कोई नेअमत होती हो कि उसका आक़ा अब कभी उससे नाराज़ ना होगा الله اكبر الله اكبر الله اكبر आसारे क़यामत से शुरू हुई ये पोस्ट जिसमे 1.अलामाते सुग़रह 2.अलमाते कुबरा 3.हश्र का बयान 4.दोज़ख 5.और जन्नत, फिर इसके अंदर बहुत सारी रिवायतें और मसायल जिनका ज़िक्र हो चुका,ये सारी पोस्ट मेरी वेबसाइट www.zebnews.in पर मौजूद है अक्सर बेश्तर updating की वजह से भले ही वेबसाइट ओपन ना हो मगर ان شاء الله تعالى अगले 3 सालों तक इसका डोमेन और होस्टिंग करा चुका हूं लिहाज़ा इससे पहले तो ये बन्द नहीं होगी और ان شاء الله تعالى कोशिश रहेगी कि आगे भी कभी बंद न हो,बहुत सारे massages अपडेट हैं और बहुत सारे नहीं,वो भी धीरे धीरे अपडेट होते जायेंगे तो whatsapp के अलावा भी www.zebnews.in पर विज़िट करते रहें*

*...........ख़त्म...........*

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*URS - HAZRAT SHAIKH SAYYAD MUHAMMAD QUDDESU SIRRAHU,KAALPI SHARIF*
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*Jannat me sabse aakhir me jaane waala* - Bukhari wa tirmizi me bayaan karda hadees tafseel ke saath nahin hai magar muslim sharif ki riwayat kaafi taweel hai isliye usi ko bayaan karta hoon,hazrat abdullah ibn masood رضي الله ﺗﻌﺎﻟﯽٰ عنه se marwi hai huzoor ﷺ irshaad farmate hain ki sabse aakhir me jannat me jaane waala wo shakhs hoga jo sabse aakhiri me jahannam se baahar niklega to girta padta aage badhega aur jahannam ki taraf dekhkar kahega ki barkat baali hai wo zaat jisne mujhe tujhse aazad kiya,tabhi usko ek darakht nazar aayega to wo kahega ki ai maula جلّ شانه mujhe us darakht ke neeche pahuncha de taaki main uska saaya haasil kar sakun to maula جلّ شانه farmayega ki agar main tujhe uske neeche pahuncha doon to kya ajab nahin ki tu kuchh aur darkhwast na karne lage to wo ahad karega aur kahega ki iske siwa meri koi aur haajat nahin tab maula جلّ شانه use wahan pahuncha dega,wo wahan aaram karega paani piyega phir ek doosre darakht ko dekhega jo isse bhi zyada khoobsurat hoga to ye maula جلّ شانه se phir kahega ki maula جلّ شانه mujhe us darakht ke neeche pahuncha de aur main iske siwa tujhse kuchh na magunga tab maula جلّ شانه farmayega ki kya tune ahad na kiya tha aur kya ajab nahin ki main tujhe wahan pahuncha doon to phir tu koi arz na karega to wo shakhs phir se ahad karega to maula جلّ شانه use wahan pahuncha dega wo wahan pahunchkar aaram karera tab jannat ke darwaze ke qareeb ek darakht dekhega aur kahega ki ai maula جلّ شانه mujhe wahan pahuncha de taaki main jannatiyon ki aawazein sun sakun aur main iske siwa tujhse kuchh na magunga tab maula جلّ شانه farmayega ki tune ahad kiya tha aur kya ajab nahin ki main tujhe wahan pahuncha doon to tu kuchh aur na mangega tab wo phir se ahad karega tab maula جلّ شانه use jannat ke saamne darakht ke neeche kar dega,phir se wo shakhs kahega ki ai maula جلّ شانه kya hi achcha hota ki aap mujhe iske andar pahuncha dete tab maula جلّ شانه farmayega ki ai ibne aadam aakhir tera sawal karna kabhi khatm na hoga kya tu isse raazi hoga ki main tujhe isme duniya ke jaisi jagah doon balki us jaisi aur doon tab wo kahega ki aap mujhse mazaaq farma rahe hain jab ki aap Rabbul Aalamneen hain itna kahte hue hazrat abdullah ibne masood رضي الله ﺗﻌﺎﻟﯽٰ عنه hansne lage aur farmaya ki kya tum log mujhse jaanna nahin chahoge ki main kyun hansa to log arz karenge ki kyun to aap farmate hain ki jab ye waqiya huzoor ﷺ ne sunaya tha to aap bhi hansne lage the jab aap ﷺ se logon ne poochha tha ki ya Rasool ALLAH ﷺ aap kyun hanse to aap ﷺ farmate hain ki mujhe Rub جلّ شانه ke hansne par hansi aa gayi jab bande ne ye kaha ki kya aap mujhse mazaaq kar rahe hain to maula جلّ شانه farmata hai ki main mazaaq nahin karta balki maine tujhe utna hi diya jitna kaha aur main har baat par qudrat rakhta hoon

📕 Muslim,jild 1,safah 195

*HADEES* - Isi tarah ek doosri riwayat ke mutabik huzoor ﷺ farmate hain ki main us shakhs ko jaanta hoon jo sabse aakhir me jahannam se baahar niklega jab maula جلّ شانه farishto se kahega ki iske chhote gunah pesh karo to farishte uske gunaah pesh karenge to maula جلّ شانه farmayega ki kya ye theek hai to wo iqraar karega aur dil me darta rahega ki mere bade bade gunah bhi to hain pas maula جلّ شانه usse farmayega ki tere liye har gunah ke badle ek neki hai tab wo shakhs bolega ki maula جلّ شانه mere aur bhi gunah hain jo main yahan nahin dekh raha hoon mujhe uske badle bhi neki milni chahiye,raavi bayaan karte hain ki maine dekha ki ye baat kahte hur huzoor ﷺ ko hansi aa gayi jisse ki aapki mubarak daadh zaahir ho gayi

📕 Muslim,jild 1,safah 199

*KANZUL IMAAN* - Beshak mujrim log (kaafir) imaan waalo par hansa karte the (duniya me)..........to aaj imaan waale kaafiro par hanste hain.takhto par baithe dekhte hain

📕 Paara 30,surah mutaffifeen,aayat 29-35

*RIWAYAT* - Tafseer durre mansoor me hazrate qatadah رضي الله ﺗﻌﺎﻟﯽٰ عنه ki riwayat hai ki jannat me jharokhe yaani khidkiyan hongi jinse ki wo jahannamiyon ke haalaat ko dekha karenge aur jis tarah duniya me kaafir unki hansi udaate the aaj wo un kaafiron par hansi udayenge

📕 Ahwale barzakh,safah 86

*RIWAYAT* - Aur jab saare hi kaafiro munafiq jahannam me aur saare hi imaan waale jannat me pahunch jayenge aur maut ko zabah kar diya jayega tab maula farmayega ki ai bando kya tum mujhse raazi ho to bande arz karenge beshak ai maula tune hamein aisi aisi nematein di ki hamare siwa kisi makhlooq ko na di to kyun hum tujhse raazi na honge to maula farmayega ki kya main tumhe isse bhi badhkar nemat na doon to bande kahenge ki isse badhkar kya hoga to maula farmayega main tum sab par apni razamandi naazil karta hoon ki ab aayinda main kabhi tumse naaraz na hounga

📕 Ahwale barzakh,safah 302

*ⓩ سبحان الله وبحمده سبحان الله العظيم Ek ghulam ke liye isse badhkar shayad hi koi nemat hoti ho ki uska aaqa ab kabhi usse naraaz na hoga الله اكبر الله اكبر الله اكبر,Aasare qayamat se shuru huyi ye post jisme 1.Alamaate sugra 2.Alamaate kubra 3.Hashr ka bayaan 4.dozakh 5.aur Jannat, phir iske andar bahur saari riwaytein aur masayal jinka zikr ho chuka,ye saari post meri website www.zebnews.in par maujood hai aksar beshtar updating ki wajah se bhale hi website open na ho magar ان شاء الله تعالى agle 3 saalon tak iska domain aur hosting kara chuka hoon lihaza isse pahle to ye bund nahin hogi aur ان شاء الله تعالى koshish rahegi ki aage bhi kabhi bund na ho,bahut saare msgs update hain aur bahut saare nahin wo bhi dheere dheere update hote jayenge to whatsapp ke alawa bhi www.zebnews.in par visit karte rahein* 

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      *NAUSHAD AHMAD "ZEB" RAZVI*
                       *ALLAHABAD*

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