फ़ौज़ ए मबीन दर रद ए हरकत ए
ज़मीन (1338)
यह रिसाला मुसम्मा बनाम तारीख़ी फ़ौज़ ए मुबीन दर रद ए हरकत ए ज़मीन (1338) एक मुकद्दमा और चार फ़सल और एक ख़ातिमा पर मुश्तमिल।
मुक़द्दमा में मुक़िर्रात ए हैय्यात ए जदीदा का बयान जिनसे इस रिसाला में काम लिया जाएगा। फ़सल ए अव्वल (1) में नाफ़रियत (Repulsion) पर बहस और उससे इब्ताल ए हरकत ए ज़मीन पर बारह (12) दलीलें। फ़सल ए दुवम (2) में जाज़्बियत Atraction) पर कलाम और उससे बुतलान ए हरकत ए ज़मीन पर पचास (50) दलीलें। फ़सल ए सुवम (3) में खुद हरकत एज़मीन के इब्ताल पर और तेंतालीस (43) दलीलें।
यह बिहम्दिहि तआला बुतलान ए हरकत ए ज़मीन पर एक सौ पांच (105) दलीलें हुईं जिनमें पंद्रह (15) अगली किताबों की हैं जिनकी हमने इस्लाह व तसहीह की और पूरे नव्वे (90) दलाइल निहायत रौशन व कामिल बि फ़ज़िलहि तआला ख़ास हमारे ईजाद हैं। फ़सल ए चहारुम में उन शुबहात का रद जो हैय्यात ए जदीदा इस्बात ए हरकत ए ज़मीन में पेश करती है। ख़ातिमा में कुतुब ए इलाहिया से गर्दिश ए आफ़ताब व सुकून ए ज़मीन का सुबूत, वलहम्दु लिल्लाहि मालिकिल मुल्कि वल मलकूत।
तसनीफ़ लतीफ़ : आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा
ख़ाँ क़ादरी बरकाती बरेलवी अलैहिर रहमा
(तबयीज़, तसहीह, फ़रहंग, नोट्स) अब्दुल नईम अज़ीज़ी (अलीग)
तर्जमा : मुहम्मद उमर रज़ा ख़ाँ क़ादरी नूरी बरेलवी
हज़रत क़मर रज़ा फ़ाउंडेशन, बरेली शरीफ़
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